पसंदीदा इंसान…
इंसान पसंदीदा इंसान के साथ रहने के लिये, खुद को किस हद तक गिरा लेता है !
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इंसान पसंदीदा इंसान के साथ रहने के लिये, खुद को किस हद तक गिरा लेता है !
आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम् ।लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥३५॥ अर्थ:- मैं सभी लोकों में सुन्दर श्री राम को बार-बार प्रणाम करता हूँ, जो सभी आपदाओं को दूर करने वाले तथा सुख सम्पति प्रदान करने वाले हैं।
Prem me to sabhi haare hai, Jo jeet gaya usne prem kiya he kahan.
How more we r caring to someone, they more then more neglet us.
सौराष्ट्रे सोमनाथंच श्री शैले मल्लिकार्जुनम् । उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम् ॥ केदारे हिगवत्पृष्ठे डाकिन्यां भीमशंकरम् । वाराणस्यांच विश्वेशं त्र्यम्बंक गौतमी तटे ॥ वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने । सेतुबन्धे च रामेशं घृष्णेशंच शिवालये ॥ एतानि ज्योतिर्लिंगानि प्रातरुत्थाय य: पठेत् । जन्मान्तर कृत पापं स्मरणेन विनश्यति ॥
घनघोर अँधेरा ओढ़ के, मैं जन जीवन से दूर हूँ, श्मशान में हूँ नाचता, मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ।
फूट घालणी सौरी है, पणं मेळ कराणों दौरो है!
चीर आया चरम में… मार आया “मैं” को मैं… “मैं” , “मैं” नहीं… ”मैं” भय नहीं… *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*
प्राण मात्र को मुक्ति का आधार, ओम् तत् सत् !
किसी का कष्ट देखकर अगर तुम्हें भी कष्ट होता है, तो समझ लेना तुम्हारी आत्मा में परमात्मा विराजमान हैं…